साढ़े 7 नदियों का उद्गम स्थल है भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव

इंदौर| इंदौर से करीब 28 किमी दूर भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव पहाड़ी के विकास की तैयारी है। पहले चरण में साढ़े 7 में से 3 नदियों का विकास होगा। पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा हम मिट्टी और पानी के शुद्धिकरण की दिशा ने तेजी से काम करेंगे। भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना है। यहां पहाड़ी पर साढ़े सात नदियों का उद्गम स्थल है। पहले चरण में तीन नदियों गंभीर, अजनार और बालम नदी पर काम होगा।

भगवान परशुराम की जन्म स्थली

  • महर्षि जमदग्रि की तपोभूमि तथा भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव, इंदौर की महू तहसील के राजपुरा कुटी (जानापाव कुटी) गांव में स्थित है।
  • मान्यता है कि जानापाव में जन्म के बाद भगवान परशुराम शिक्षा ग्रहण करने कैलाश पर्वत चले गए थे। जहां भगवान शंकर ने उन्हें शस्त्र-शास्त्र का ज्ञान दिया था।

 कुंड से निकलती हैं ये नदियां

  • जानापाव पहाड़ी से साढ़े सात नदियां निकली हैं। इनमें कुछ यमुना व कुछ नर्मदा में मिलती हैं।
  • यहां से चंबल, गंभीर, अजनार और सुमरिया नदियां व साढ़े तीन नदियां बालम, चोरल, कारम और नेकेड़ेश्वरी निकलती हैं। (कारम और नेकेड़ेश्वरी एक ही धारा में बहती हैं, इसलिए इन्हें डेढ़ नदी माना जाता है)
  • ये नदियां करीब 740 किमी बहकर अंत में यमुनाजी में तथा साढ़े तीन नदियां नर्मदा में समाती हैं।

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