लखनऊ|श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कारसेवकपुरम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पूरे भारत से प्रमुख 36 परंपराओं के 135 संत-महात्माओं समेत कुल 175 लोगों को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों पांच अगस्त को आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।
इस कार्यक्रम में बेहद बुजुर्ग होने के कारण कोरोना को देखते हुए राममंदिर आंदोलन के प्रमुख अगुवा रहे लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। उमा भारती की नाराजगी को लेकर पूछे गए सवाल को उन्होंने मनगढ़ंत कहकर टाल दिया। चंपत राय ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास 1989 में ही हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भूमिपूजन के साथ ईंट रखकर कार्य की शुरूआत होगी। कहा कि निमंत्रण पत्र तैयार होकर आ गया है। इसके वितरण की शुरूआत सोमवार से हो गई है।
आमंत्रित संत गणों में दशनामी सन्यासी परंपरा, रामानंद वैष्णव परंपरा, रामानुज परंपरा, नाथ परंपरा, निम्बार्क, माधवाचार्य, वल्लभाचार्य, रामसनेही, उदासीन, निर्मले संत, कबीर पंथी, चिन्मय मिशन, रामकृष्ण मिशन, लिंगायत, वाल्मीकि संत, रविदासी संत, आर्य समाज, सिख परंपरा, बौद्घ, जैन, संत कैवल्य ज्ञान, संत पंथ, इस्कान, स्वामी नारायण, वारकरी, एकनाथ, बंजारा संत, वनवासी संत, आदिवासी गौड़, गुरू परंपरा, भारत सेवाश्रम संघ, आचार्य समाज, संत समिति, सिंधी संत, अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी समेत नेपाल के विभिन्न इलाकों सहित जनकपुर के भी संत उपस्थित रहेंगे।