आदित्य धेप्ते, संवाददाता
उज्जैन। सावन माह में चौथी बार राजाधिराज बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकले। महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव की भस्मारती के बाद उनका विशेष श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल चांदी की पालकी में मनमहेश और हाथी पर चन्द्रमोलेश्वर स्वरूप में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले।
उज्जैन में महाकालेश्वर की चौथी सवारी में भी लॉकडाउन के कारण सीमित संख्या में ही भक्तगण शामिल हो सके। इनमें अधिकांश पुजारीगण, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी थे। श्रावण मास में महाकाल मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से सीमित संख्या में भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जा रही है। वहीं मंदिर समिति ने फिलहाल मध्य प्रदेश के भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी है।
शिप्रा जल से अभिषेक-पूजन
बाबा महाकाल को नगर भ्रमण के पहले गार्ड ऑफ आनर दिया गया। महाकाल मंदिर से शाम 4 बजे शाही ठाठबाट के साथ महाराजाधिराज की सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना होकर शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां पुजारी ने प्रभु का शिप्रा जल से अभिषेक-पूजन किया। पूजन के बाद सवारी हरसिद्धि मंदिर के सामने से होते हुए वापस महाकाल मंदिर पहुंची।