
भोपाल| पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि विकसित मध्यप्रदेश की परिकल्पना से विकास की रफ्तार तेज होगी और जन-मानस में खुशहाली आयेगी। मंत्री श्री सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश में हर दो माह में ग्रामसभाएँ आयोजित हों, जिसमें सभी ग्रामवासियों की विशेष रूप से उपस्थिति सुनिश्चित करें। ग्रामसभा में शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। हर ग्राम में शांतिधाम बनेगा तथा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की सतत मॉनीटरिंग होगी।
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत ग्रामीण परिवारों के वयस्क व्यक्ति, जो अकुशल श्रम करने के योग्य हैं, इनके परिवार को वर्ष में कम से कम 100 मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। सार्वजनिक एवं निजी परिसम्पत्तियों का सृजन, जो स्थाई हो, किया जायेगा। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के विकास एवं उन्नति के लिये और अन्य प्रयोजनों के लिये पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाना आवश्यक है। राज्य शासन ने जल-संरक्षण और संवर्धन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जल-संरक्षण और जल-संवर्धन (चेक डेम, मेलियन, तालाब, खेत-तालाब, कन्टूर ट्रेंच, वोल्डर चेक, रूफ वॉटर हॉर्वेस्टिंग, परकोलेशन तालाब, रिचार्ज पिट) आदि शामिल हैं। इनमें भूमि विकास, कुआँ निर्माण, वृक्षारोपण, नर्सरी विकास, चारागाह विकास, वर्मी कम्पोस्ट, नाडेप, समूहों की आजीविका गतिविधि के लिये वर्क शेड निर्माण किया जा रहा है।